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   भिलाईनगर, जिला – दुर्ग (छ.ग.)

के बारे में

dhanmauri.com (‘धनमौरी डॉट कॉम’) छत्तीसगढ़ी लोकसंस्कृति की आत्मा को समर्पित एक सांस्कृतिक डिजिटल प्रयास है।
यह मंच छत्तीसगढ़ के ग्राम्य जीवन, पारंपरिक ज्ञान, कृषि, त्यौहारों, गीतों, कथाओं, भाषा और कला को एकत्र कर सहेज रहा है।

यह वेबसाइट न केवल परंपराओं की गहराई से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराती है, बल्कि छत्तीसगढ़ के अनाम नायकों और कलाकारों को भी मंच प्रदान करती है।
हमारा उद्देश्य है कि आने वाली पीढ़ियाँ इन मूल्यों को जाने, समझें और अपनाएँ, और दुनिया को बताएं कि छत्तीसगढ़ केवल एक राज्य नहीं, संस्कृति का जीवंत संगम है

हमारा मिशन (Mission)

छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं, रीति-रिवाजों और लोककला को संरक्षित करना और उसे आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना हमारा प्रमुख उद्देश्य है।
हमारा मानना है कि जैसे धानमौरी छत्तीसगढ़ की आत्मा का प्रतीक है, वैसे ही यह पहल प्रदेश की सांस्कृतिक आत्मा को एक डिजिटल पहचान दिलाने का माध्यम बने।
हम प्रयासरत हैं कि छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति न केवल प्रदेश और देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी अलग पहचान बनाए।

हमारी दृष्टि (Vision)

हम एक ऐसे डिजिटल मंच की कल्पना करते हैं जहाँ छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक मूल्यों, बोलियों, त्यौहारों, खान-पान, हस्तशिल्प, संगीत, और लोकगाथाओं को संरक्षित और बढ़ावा दिया जाए।
हमारा उद्देश्य है कि छत्तीसगढ़ी भाषा और लोकजीवन का गौरव बनाए रखते हुए उसे आधुनिक युग की तकनीक से जोड़कर अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाया जाए।

हमारे मूल मूल्य (Core Values)

संस्कृति संरक्षण

छत्तीसगढ़ की अद्वितीय लोक विरासत को संजोना।

ज्ञानवर्धन और दस्तावेजीकरण

साहित्य और परंपराओं को लिखित रूप में सहेजना।

नवाचार के साथ परंपरा का मेल

डिजिटल युग में पारंपरिक मूल्यों को प्रासंगिक बनाना।

लोक सहभागिता

आमजन, ग्रामीणों, कलाकारों और साहित्यकारों को जोड़ना।

प्राकृतिक और सामाजिक संतुलन

प्रकृति और समाज के बीच परस्पर संबंध को बनाए रखना।

समान अवसर

हर वर्ग, जाति और क्षेत्र को संस्कृति से जोड़ने का अवसर देना।

लेखिका परिचय

नाम : डॉ. श्रीमती सरिता यशवन्त साहू

जन्मतिथि: वसंतपंचमी, रायपुर, छत्तीसगढ़

संप्रति • शिक्षकीय कार्य

शिक्षा : एम. एससी. (गणित), एम. ए. (इतिहास, प्राविण्य सूची में प्रथम स्थान), एम. ए. (लोकसंगीत, प्राविण्य सूची में प्रथम स्थान), एम. ए. (अर्थशास्त्र), बी. एड. (प्राविण्य सूची में स्थान), ‘क्षेत्रीय इतिहास अध्ययन के परंपरागत मौखिक स्रोतों की ऐतिहासिकताः छत्तीसगढ़ के विशेष संदर्भ में विषय पर पीएच.डी की उपाधि।

लेखन कार्य : दसमत कैना, कालापानी (प्रकाशनाधीन), ओड़ जाति की लोककथाएं, क्षेत्रीय इतिहास अध्ययन और देवार गीत (प्रकाशनाधीन), लगभग एक दर्जन शोधपत्रों का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में प्रकाशन।

वृत्तचित्र निर्माण : छत्तीसगढ़ का अमर शहीद वीरनारायण सिंह, गांधीयुगीन आंदोलन और छत्तीसगढ़।

कला यात्रा : रंगझाझर सांस्कृतिक संस्था के नृत्य निर्देशन एवं लोक कलाकार के रूप में रायपुर दूरदर्शन केन्द्र, लोक कला महोत्सव (भिलाई), आगरा, दिल्ली, सागर, भोपाल, जबलपुर, कोलकाता शांतिनिकेतन, मदुरै, बिलासपुर, रायपुर आदि अनेक स्थानों पर लोककला का प्रदर्शन। मान. राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह, उपराष्ट्रपति मो. हिदायतुल्लाह, मान. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, मान. प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, मान. प्रधानमंत्री पी. व्ही. नरसिम्हा राव, मुख्यमंत्री श्री अर्जुनसिंह, श्री मोतीलाल वोरा इन प्रदर्शनों के साक्षी रहे। सन् 2005 में राज्योत्सव रायपुर एवं कुंभ राजिम में लोककला की प्रस्तुति।

सम्मान : भुईंया सम्मान, रविन्द्र अकादमी शांति निकेतन कोलकाता (स्वर्ण पदक), युवा उत्सव मदुरै (स्वर्ण पदक), छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग रायपुर द्वारा शिक्षक सम्मान 2017, दानवीर सम्मान ।

संपर्क सूत्र : आवास क 8/ए, सड़क 26 सेक्टर- 10, भिलाईनगर, जिला- दुर्ग (छ.ग.), (मों.) 9179677037 , पिन-490006,

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