
छत्तीसगढ़ी हस्तशिल्प मिट्टी लकड़ी और बांस की बोली
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण शिल्पकारों की कलाओं की कहानी, जो लोकजीवन को जीवंत बनाती है। छत्तीसगढ़ के कारीगरों के हाथों से
dhanmauri.com (‘धनमौरी डॉट कॉम’) एक अनूठी पहल है, जो छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति, साहित्य और परंपराओं को संरक्षित और प्रचारित करने के लिए समर्पित है। यह वेबसाइट धानमौरी, लोककथाएँ, छत्तीसगढ़ी साहित्य, रीति-रिवाज, हस्तशिल्प और परंपराओं का संकलन कर रही है, जिससे यह ज्ञान शोधकर्ताओं, सुधिजनों और नई पीढ़ी के लिए सुलभ हो सके।
धनमौरी डॉट कॉम पर आपको छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचलों की पारंपरिक कहानियाँ, गीत, नृत्य शैलियाँ, लोकपर्वों की विस्तृत जानकारी, साथ ही छत्तीसगढ़ी साहित्यकारों की रचनाएँ और उनके जीवन परिचय भी उपलब्ध मिलेंगे।
प्राचीन काल से ही छत्तीसगढ़ी संस्कृति में धान की बालियों को गूंथकर त्रिकोण या चौकोर संरचना (धनमौरी) बनाकर अपने घरों के इर्द गिर्द टांगने की परंपरा है। इसका उद्देश्य भूखे प्यासे परिंदों के लिए आहार उपलब्ध कराना होता है। हमारी वेबसाइट dhanmauri.com ‘धनमौरी डॉट कॉम’ का उद्देश्य छत्तीसगढ़ी संस्कृति, साहित्य एवं परंपराओं से मिले ज्ञान को संकलित कर सुधिजनों व अध्येताओं के लिए उपलब्ध कराना है।
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण शिल्पकारों की कलाओं की कहानी, जो लोकजीवन को जीवंत बनाती है। छत्तीसगढ़ के कारीगरों के हाथों से
छत्तीसगढ़ी लोककथाओं में छिपे नैतिक मूल्य, हास्य, और जीवन के गहरे अनुभव। छत्तीसगढ़ की मिट्टी में कहानियाँ सांस लेती हैं
छत्तीसगढ़ के लोकजीवन में रचे-बसे धानमौरी गीतों की परंपरा और उनका सांस्कृतिक महत्व। छत्तीसगढ़ की मिट्टी में जब हल की
प्राचीन काल से ही छत्तीसगढ़ी संस्कृति में धान की बालियों को गूंथकर त्रिकोण या चौकोर संरचना (धनमौरी) बनाकर अपने घरों के इर्द गिर्द टांगने की परंपरा है। इसका उद्देश्य भूखे प्यासे परिंदों के लिए आहार उपलब्ध कराना होता है।
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