
अभिनंदन
प्रोप्लेसर किशोर कुमार अग्रवाल
अभिनंदन
गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि गढ़ि काई खोट। अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट।।
प्रोप्लेसर किशोर कुमार अग्रवाल
हिंदी साहित्य सदन
प्रोप्लेसर किशोर कुमार अग्रवाल
अभिनंदन
गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि गढ़ि काई खोट। अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट।।
प्रोप्लेसर किशोर कुमार अग्रवाल
हिंदी साहित्य सदन