
छत्तीसगढ़ी लोककथाओं में छिपे नैतिक मूल्य, हास्य, और जीवन के गहरे अनुभव।
छत्तीसगढ़ की मिट्टी में कहानियाँ सांस लेती हैं — फूलबासन, नंदा-राजा, कंवर-राजा, जैसे चरित्र अब भी गाँव के चूल्हों से उठती कहानियों में जिंदा हैं।
इन लोककथाओं में केवल मनोरंजन नहीं है, ये जीवन के ऐसे दर्शन को सिखाती हैं जो किताबी नहीं, अनुभव से उपजा है। ये कथाएँ बच्चों के मन में कल्पना, नैतिकता और सामाजिक समझ की नींव रखती हैं।
dhanmauri.com इन कहानियों को लिपिबद्ध कर आधुनिक मंच पर ला रहा है, ताकि छत्तीसगढ़ की लोकबुद्धि, लोकधर्म और लोकमूल्य नई पीढ़ी तक पहुँचें और यह अमूल्य धरोहर नष्ट न हो।