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छत्तीसगढ़ी हस्तशिल्प मिट्टी लकड़ी और बांस की बोली

छत्तीसगढ़ी हस्तशिल्प: मिट्टी, लकड़ी और बांस की बोली

छत्तीसगढ़ के ग्रामीण शिल्पकारों की कलाओं की कहानी, जो लोकजीवन को जीवंत बनाती है।

छत्तीसगढ़ के कारीगरों के हाथों से निकली वस्तुएँ केवल उपयोगी नहीं, वे कला की जीवंत मिसाल हैं। चाहे वह मिट्टी की घड़ियाँ हों, बांस की टोकरियाँ, या लकड़ी पर उकेरे देवी-देवता — हर चीज़ में भावनाएँ रची-बसी होती हैं।

ये हस्तशिल्प न केवल स्थानीय आजीविका का साधन हैं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान भी हैं। हर टोकरा, हर दीया, हर नक्काशी — छत्तीसगढ़ की कहानी कहती है।

dhanmauri.com इन शिल्पों को डिजिटल पहचान दिलाने के साथ-साथ उन कारीगरों को मंच दे रहा है, जो पीढ़ियों से इस कला को संजोए हुए हैं।

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